अनुसंधान व विकास
रेशम उत्पादन में परपोषी पौधों का पालन, रेशम कीट पालन, धागाकरण , ऐंठन, बुनाई एवं विभिन्न मूल्य वर्धक उत्पादों का विपणन एवं सेवाएँ शामिल हैं । विभिन्न नये शहतूत कीट प्रजातियों के लिए भिन्न- भिन्न कृषि जलवायु अवस्था के लिए उपयुक्त एवं रेशम उत्पादन की उत्पादकता, गुणवत्ता एवं लाभदायकता को बढ़ाने के लिए कई उत्पादों, विधियों, अनुप्रयोग पैकेजों को विकसित कर विमोचित किया जाना है ।
इस संदर्भ में, केन्द्रीय रेशम बोर्ड ने शहतूत रेशम उत्पादन के लिए मैसूर, बहरमपुर एवं पाम्पोर में एक-एक केन्द्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, बेंगलूरु में रेशमकीट बीज प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला एवं रेशम जेव प्रौद्योगिकी अनुसंधान प्रयोगशाला , होसूर में केन्द्रीय रेशम उत्पादन जननद्रव्य संसाधन केन्द्र की स्थापना की हैं । राष्ट्रीय रेशम कीट बीज संगठन का मुख्यालय बेंगलूरु में स्थित है । गैर – शहतूत रेशम उत्पादन अनुसंधान के लिए दो संस्थान नामत: केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, राँची एवं केन्द्रीय मूगा एरी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, लडोईगढ़ में कार्यरत हैं । कोसोत्तर संबंधित अनुसंधान केन्द्रीय रेशम प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान, बेंगलूरु में किया जाता है ।